गर्मियों की छुट्टियां

मैंने अपनी गर्मियों की छुट्टिया किस तरह बिताई, मुझे अच्छी तरह याद है। आखिरी पेपर के खत्म होता ही मेरी गर्मी की छुट्टियाँ शुरू हो जाती थी। बहुत सारी मस्तियाँ होती थी, मोहल्ले के सभी बच्चो के साथ खेलना। गर्मी की दोपहरी उन दिनों बड़ी हसीन हुआ करती थी। सुनील भैय्या की दुकान से comics ला कर पड़ना। ये मेरी पहली चीज थी जिसे छुट्टियों में सबसे पहले करता था। रोज किराये से दो कॉमिक्स लाता था। बिल्लू, पिंकी, रमण, चाचा चौधरी और अंगारा हमारे favourite हुआ करते थे। और इन सब में यदि mickey पड़ने को मिल जाए तो बात ही क्या! हालाँकि इन चीजो का कोई महत्व नही रह गया फिर भी मुझे गर्व महसूस होता है की मैं इस generation से belong करता हूँ।
और मेरी toy car जिससे मुझे बेहद लगाव था। इसे मैंने शिर्डी से खरीदी थी, उस लाल रंग की छोटी-सी कार उस समय [१९९७] की सबसे advance कार थी। उसका plastic body वाला engine जिसे पीछे करने पर autometically चाबी भर जाती थी। ये सच है की बच्चो के लिए उनके खिलोने ही संपत्ति हुआ करती है और कहीं भी या tour पर जाने से पहले अपने खिलोने साथ रखना नही भूलते है।

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